Organic Farming: Its Benefits and Challenges जैविक खेती: इसके लाभ और चुनौतियाँ

प्रस्तावना

Organic Farming कृषि मानव सभ्यता का आधार रही है और समय के साथ इसमें अनेक परिवर्तन हुए हैं। आज की आधुनिक खेती में रसायनों और कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है, जिससे भूमि की उर्वरता कम होती जा रही है और स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी के समाधान के रूप में जैविक खेती एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में उभर रही है। यह पारंपरिक कृषि विधियों पर आधारित होती है और रासायनिक खादों व कीटनाशकों की जगह प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करती है। यह विधि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है।

जैविक खेती क्या है? What is Organic Farming?

Organic Farming (जैविक खेती) एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, हार्मोन और आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (GMO) का उपयोग नहीं किया जाता। इसमें प्राकृतिक खाद, हरी खाद, जैविक कीटनाशक, मिश्रित फसल प्रणाली, फसल चक्र और जैविक खाद्य उत्पादों का उपयोग किया जाता है। जैविक खेती का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए उत्पादन क्षमता बनाए रखना और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद प्रदान करना है।

जैविक खेती के प्रमुख लाभ Major benefits of Organic Farming

Organic Farming
  1. स्वास्थ्य के लिए लाभकारी Organic Farming (जैविक खेती) से उत्पादित खाद्य पदार्थ हानिकारक रसायनों से मुक्त होते हैं, जिससे ये मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक सुरक्षित और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से कैंसर, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन जैविक खेती में इनका कोई खतरा नहीं होता।
  2. पर्यावरण संरक्षण Organic Farming (जैविक खेती) में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता, जिससे मिट्टी, जल और वायु प्रदूषित नहीं होते। यह खेती मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखती है और जैव विविधता को संरक्षित करती है।
  3. मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार Organic Farming (जैविक खेती) में जैविक खादों, हरी खाद, गोबर और खाद-पानी के प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग किया जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। इसके अलावा, यह भूमि के कटाव को रोकने में भी सहायक होती है।
  4. जल संरक्षण जैविक खेती में प्राकृतिक सिंचाई प्रणालियों और जल संरक्षण तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे भूजल स्तर की गिरावट को रोका जा सकता है।
  5. कम उत्पादन लागत जैविक खेती में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाता है, जिससे किसानों को महंगे रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती। इससे उनकी उत्पादन लागत कम होती है और लाभ अधिक मिलता है।
  6. जैव विविधता का संरक्षण Organic Farming (जैविक खेती) पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में मदद करती है और परागण करने वाले जीवों जैसे मधुमक्खियों और तितलियों के संरक्षण में सहायक होती है।
  7. बाजार में उच्च मांग और बेहतर मूल्य जैविक उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है और उपभोक्ता इन्हें ऊंची कीमत पर खरीदने को तैयार रहते हैं। इससे किसानों को बेहतर लाभ मिलता है।

जैविक खेती की प्रमुख चुनौतियाँ Major challenges of Organic Farming

  1. कम उपज पारंपरिक रासायनिक खेती की तुलना में जैविक खेती की उत्पादकता कम होती है, क्योंकि इसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता। यह किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
  2. प्रारंभिक निवेश और संक्रमण काल जैविक खेती अपनाने के लिए किसानों को अपने खेतों को जैविक कृषि के अनुकूल बनाना पड़ता है, जिसमें 2-3 साल का समय लग सकता है। इस संक्रमण काल के दौरान उत्पादन कम होता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।
  3. बाजार और विपणन की समस्या जैविक उत्पादों को सही मूल्य पर बेचने के लिए उपयुक्त बाजारों की आवश्यकता होती है। वर्तमान में, जैविक उत्पादों का उचित विपणन और वितरण नेटवर्क विकसित नहीं हुआ है, जिससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने में कठिनाई होती है।
  4. प्रमाणीकरण और मानकों की जटिलता जैविक खेती करने वाले किसानों को अपने उत्पादों के लिए जैविक प्रमाणपत्र प्राप्त करना होता है, जो एक जटिल और महंगी प्रक्रिया हो सकती है। इसके अलावा, कई किसानों को प्रमाणन प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं होती।
  5. श्रम की अधिक आवश्यकता जैविक खेती में खरपतवार, कीट और रोगों के नियंत्रण के लिए अधिक मेहनत की जरूरत होती है। इसे पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक श्रम-साध्य माना जाता है।
  6. सरकारी सहायता और नीति समर्थन की कमी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण किसान इनका पूरा लाभ नहीं उठा पाते।

जैविक खेती को बढ़ावा देने के उपाय Measures to promote Organic Farming

  1. सरकारी नीतियों का सुदृढ़ीकरण सरकार को Organic Farming (जैविक खेती) को बढ़ावा देने के लिए अधिक अनुदान, सब्सिडी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए।
  2. कृषकों को प्रशिक्षण और जागरूकता किसानों को जैविक खेती के फायदों और तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, ताकि वे इसे सफलतापूर्वक अपना सकें।
  3. विपणन और वितरण नेटवर्क का विकास जैविक उत्पादों के लिए एक मजबूत विपणन और वितरण प्रणाली विकसित करनी चाहिए, ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके।
  4. शोध और नवाचार जैविक खेती की उत्पादकता बढ़ाने के लिए शोध और नवीन तकनीकों को अपनाने की जरूरत है।
  5. सामुदायिक भागीदारी और सहकारी समितियाँ जैविक किसानों को संगठित कर सहकारी समितियाँ बनाई जा सकती हैं, जिससे वे एक साथ मिलकर अपने उत्पादों का विपणन कर सकें।
Organic Farming
Organic Farming

निष्कर्ष

Organic Farming (जैविक खेती) एक सतत और पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धति है, जो मानव स्वास्थ्य और प्रकृति के लिए फायदेमंद है। हालांकि इसमें कुछ चुनौतियाँ हैं, लेकिन उचित सरकारी नीतियों, किसानों की जागरूकता और बाजार के विकास के माध्यम से इन्हें दूर किया जा सकता है। यदि Organic Farming (जैविक खेती) को सही दिशा में बढ़ावा दिया जाए, तो यह न केवल किसानों के लिए लाभदायक होगी, बल्कि पूरे समाज और पर्यावरण के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।

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