8 Government Schemes for Small Farmers छोटे किसानों के लिए आठ सरकारी योजनाएँ

Small Farmers भारत में कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ है। लेकिन इस क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा छोटे और सीमांत किसानों पर निर्भर है। भारत में लगभग 85% किसान छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि होती है। इन किसानों को खेती में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जैसे सीमित संसाधन, जलवायु परिवर्तन, बाजार में उचित मूल्य न मिलना, और ऋण का अभाव।

सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। इस लेख में हम Small Farmers (छोटे किसानों) के लिए उपलब्ध प्रमुख सरकारी योजनाओं और उनके व्यावहारिक लाभ को विस्तार से जानेंगे।


छोटे किसान कौन होते हैं? Who are small farmers?

कृषि मंत्रालय के अनुसार, छोटे किसान वे होते हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) से कम भूमि होती है। इसके अलावा, सीमांत किसान वे हैं जिनके पास 1 हेक्टेयर (2.5 एकड़) से भी कम जमीन होती है। ये किसान आमतौर पर पारंपरिक खेती करते हैं और बाजार की अनिश्चितताओं, महंगे बीज, उर्वरक और सिंचाई की कमी जैसी समस्याओं से जूझते हैं।

इन्हीं चुनौतियों को हल करने के लिए सरकार ने कई योजनाएँ शुरू की हैं, ताकि Small Farmers (छोटे किसानों) की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके और वे आधुनिक कृषि तकनीकों को अपना सकें।

छोटे किसानों की स्थिति और चुनौतियाँ Situation and challenges of small farmers

छोटे किसान किन समस्याओं का सामना करते हैं?

  • सीमित संसाधन: सिंचाई सुविधाओं की कमी और महंगे उर्वरक व कीटनाशक।
  • वित्तीय समस्याएँ: बैंकों से ऋण प्राप्त करने में कठिनाई और साहूकारों की ऊंची ब्याज दरें।
  • बाजार में उचित मूल्य का अभाव: किसान अपनी फसल का सही मूल्य नहीं पाते।
  • जलवायु परिवर्तन: असमय वर्षा, सूखा, और बाढ़ जैसी समस्याओं का प्रभाव।
  • तकनीकी ज्ञान की कमी: आधुनिक खेती की तकनीकों और उपकरणों का सीमित ज्ञान।

छोटे किसानों के लिए प्रमुख सरकारी योजनाएँ Major government schemes for small farmers

1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर चार महीने में ₹2,000 की तीन किस्तों में ₹6,000 सालाना सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं।
मुख्य विशेषताएँ:

  • तत्काल आर्थिक सहायता।
  • सीधे बैंक खाते में धनराशि स्थानांतरित।
  • सभी छोटे और सीमांत किसान इसके पात्र हैं।

डेटा:
2019 में योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिला है।

कैसे आवेदन करें:

  • किसान ऑनलाइन पोर्टल https://pmkisan.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
  • अपने नजदीकी CSC केंद्र से भी सहायता ले सकते हैं।

2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)

इस योजना के तहत फसल के नुकसान की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा देती है। छोटे किसान जो जोखिम में रहते हैं, उन्हें यह योजना विशेष सुरक्षा प्रदान करती है।
मुख्य लाभ:

  • कम प्रीमियम दर: खरीफ फसलों पर 2% प्रीमियम, रबी फसलों पर 1.5%, और व्यावसायिक फसलों पर 5%।
  • बाढ़, सूखा, कीट संक्रमण, और अन्य आपदाओं से सुरक्षा।
  • सीधे बैंक खाते में मुआवजे का भुगतान।

केस स्टडी:
महाराष्ट्र के एक छोटे किसान रमेश पाटिल को 2021 में सूखे के कारण अपनी सोयाबीन की फसल का 70% नुकसान हुआ। लेकिन पीएमएफबीवाई के तहत मिले बीमा मुआवजे से उन्होंने अगली फसल की तैयारी की।

कैसे आवेदन करें:

  • नजदीकी बैंक शाखा, CSC केंद्र, या pmfby.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

3. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)

छोटे किसानों के लिए सिंचाई एक बड़ी समस्या होती है। इस योजना के तहत किसानों को ‘हर खेत को पानी’ के सिद्धांत पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।
लाभ:

  • सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप और स्प्रिंकलर) पर सब्सिडी।
  • जल संचयन और सिंचाई के लिए बेहतर तकनीकों को बढ़ावा।
  • सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार।

वास्तविक उदाहरण:
राजस्थान के अलवर जिले में इस योजना के तहत 1,000 से अधिक किसानों को सूक्ष्म सिंचाई उपकरण दिए गए, जिससे उनकी फसल उत्पादन में 30% की वृद्धि हुई।

कैसे लाभ उठाएं:

  • जिला कृषि कार्यालय में संपर्क करें।
  • pmksy.gov.in पर अधिक जानकारी प्राप्त करें।

4. कृषि यंत्रीकरण योजना

छोटे किसानों के पास खेती के लिए आवश्यक यंत्र खरीदने की क्षमता नहीं होती। इस योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर, पावर टिलर, थ्रेशर, और अन्य कृषि उपकरणों पर 40% से 50% सब्सिडी दी जाती है।

योजना के लाभ:

  • कृषि उपकरणों पर 40% से 50% तक की सब्सिडी।
  • समूह आधारित कृषि यंत्र केंद्रों को बढ़ावा देना।
  • श्रम लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि।
  • आधुनिक उपकरणों की आसान उपलब्धता।

डेटा:
2018-2022 के बीच 5 लाख से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिला है।

आवेदन प्रक्रिया:

  • राज्य कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया जा सकता है।

5. राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)

e-NAM एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जो किसानों को देशभर की मंडियों में अपनी फसल को अच्छे दामों पर बेचने का अवसर प्रदान करता है। इससे छोटे किसान बिचौलियों के चंगुल से बच सकते हैं और उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिलता है।
लाभ:

  • बिचौलियों से मुक्ति और पारदर्शी मूल्य निर्धारण।
  • 1,000 से अधिक मंडियों से जुड़ने का मौका।
  • बेहतर मूल्य खोज और प्रतिस्पर्धा।
  • कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री।

डेटा:
2023 तक e-NAM पर 1.74 करोड़ से अधिक किसान पंजीकृत हो चुके हैं।

कैसे जुड़ें:

  • किसान e-NAM पोर्टल (www.enam.gov.in) पर पंजीकरण कर सकते हैं।

6. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)

यह योजना किसानों को आसान और कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसान बीज, उर्वरक, कीटनाशक, और अन्य कृषि आवश्यकताओं के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्य लाभ:

  • फसल उत्पादन, पशुपालन, और मत्स्य पालन के लिए ऋण।
  • 7% की ब्याज दर, और समय पर भुगतान करने पर 3% की अतिरिक्त छूट।
  • आकस्मिक आवश्यकताओं के लिए नकद निकासी की सुविधा।

आवेदन प्रक्रिया:

  • किसी भी नजदीकी बैंक शाखा में जाकर किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है।

7. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM)

इस योजना का उद्देश्य धान, गेहूं, दलहन, और तिलहन की उत्पादकता में सुधार करना है।
लाभ:

  • गुणवत्तापूर्ण बीज, उर्वरक, और जैविक उत्पादों पर सब्सिडी।
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से भूमि की उर्वरता की निगरानी।

8. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)

इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में व्यापक विकास करना और छोटे किसानों की आय में सुधार करना है। योजना के तहत राज्यों को उनकी कृषि आवश्यकताओं के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

लाभ:

  • कृषि आधारभूत संरचना में सुधार।
  • पशुपालन, मछली पालन और कृषि विविधीकरण को बढ़ावा।
  • उत्पादन और आय में वृद्धि।

कैसे आवेदन करें:

  • राज्य सरकार के कृषि विभाग की सहायता से योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
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तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण योजनाएँ

सरकार ने कई प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं ताकि छोटे किसान नई कृषि तकनीकों को सीखकर अपनी उत्पादकता बढ़ा सकें।
उदाहरण:

  • कृषि विज्ञान केंद्र (KVK): नई तकनीकों की जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान करता है।
  • पाठ्यक्रम और कार्यशालाएँ: जैविक खेती, सिंचाई तकनीक, और फसल विविधीकरण पर।

छोटे किसानों के लिए योजनाओं का वास्तविक प्रभाव Real impact of schemes for small farmers

सरकारी योजनाओं ने छोटे किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है।

  • आर्थिक स्थिति में सुधार: किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम-किसान जैसी योजनाओं ने तत्काल आर्थिक राहत दी है।
  • सिंचाई सुविधाओं का विस्तार: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की है।
  • उपज में वृद्धि: आधुनिक कृषि उपकरणों और बीजों की उपलब्धता से उपज में सुधार हुआ है।
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आवेदन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  1. योजना की पात्रता शर्तों को समझें: हर योजना की अपनी पात्रता शर्तें होती हैं, जिन्हें ध्यान से पढ़ें।
  2. सभी दस्तावेज तैयार रखें: आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड, बैंक खाता विवरण, और अन्य दस्तावेज आवेदन के समय आवश्यक होते हैं।
  3. ऑनलाइन पोर्टल्स का उपयोग करें: अधिकतर योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन उपलब्ध है, जिससे समय की बचत होती है।
  4. नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करें: यदि किसी योजना की जानकारी स्पष्ट नहीं है, तो जिला कृषि कार्यालय से मार्गदर्शन प्राप्त करें।

निष्कर्ष

छोटे किसानों के लिए सरकारी योजनाएँ उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने, आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने और उनकी उपज में सुधार करने में सहायक हैं। इन योजनाओं का सही लाभ उठाने के लिए किसानों को जागरूक और सतर्क रहना आवश्यक है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, और कृषि यंत्रीकरण योजना जैसी योजनाएँ छोटे किसानों की स्थिति में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

सरकार की यह पहल छोटे किसानों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम है। जागरूकता और सही मार्गदर्शन से इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाया जा सकता है, जिससे देश की कृषि क्षेत्र में समृद्धि और विकास सुनिश्चित हो सके।

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